कोई है हुनरबाज, तो बेशक भुला दे मुझे जो भुला ना सकोगे, तो आना अपनी 'हकीकत' लेकर में मिलूंगा वहा जहा तक तुम्हारी पखडंडिया नहीं जाती है ये सपनों का शहर वहा पीछे छूट जाता है जहा है तपीश, हकीकत दो जहानो की है वहा बसेरा मेरा उस नील नदी के पास ©Dêv #khwaishe #hakikat