ज़ख्म ऐसे हैं कि कुरेदा नहीं जाता बादल लगे हैं कि सबेरा नहीं जाता, मलहम जो इसका ढूंढने निकले हम कभी ये मलहम भी ऐसे हैं की हर दुकानों पर बेचा नहीं जाता। #ज़ख्म_व्यक्तिगत