हम तुम हम तुम ओ हमसफर. आओ साथ में गुजारे यह सफर। कुछ साथ तुम देना मेरा, कुछ मैं भी देता रहूंगा तुम्हारा। कभी गिर जाऊं मैं अगर तुम सहारा देना मुझे, कभी गिरते- गिरते से फिर मैं भी बचा लूंगा तुम्हें । भटक जाओगे अगर तुम कहीं मैं रास्ता दिखाऊंगा तुम्हें। फिर मुझे भी भटकने से बचाना तुम कभी। और जिंदगी भर तक चलता रहे यह सफर। हम तुम ओ हमसफर, आओ साथ में गुजारेंगे यह जिंदगी का सफर।।। ©Ranjeet Singh #आशिकी #Love #PoetInYou