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आज #मिज़ाज "मौसम"का बदल गया ऐसे, जैसे"इंसान"की #फ़

आज #मिज़ाज "मौसम"का बदल गया ऐसे,
जैसे"इंसान"की #फ़ितरत बदलती रहती है।

एक "चेहरे" के साथ रहते नही लोग यहाँ,
मुस्कान #मुखोटों पर आती-जाती रहती है।

बहुत "करीब" रह कर भी "पहचान" नहीं पाते,
"भावना" दिल मे औऱ बाहर कुछ औऱ रहती है।

#मिज़ाज आज #मिज़ाज "मौसम"का बदल गया ऐसे,
जैसे"इंसान"की #फ़ितरत बदलती रहती है।

एक "चेहरे" के साथ रहते नही लोग यहाँ,
मुस्कान #मुखोटों पर आती-जाती रहती है।

बहुत "करीब" रह कर भी "पहचान" नहीं पाते,
"भावना" दिल मे औऱ बाहर कुछ औऱ रहती है।
आज #मिज़ाज "मौसम"का बदल गया ऐसे,
जैसे"इंसान"की #फ़ितरत बदलती रहती है।

एक "चेहरे" के साथ रहते नही लोग यहाँ,
मुस्कान #मुखोटों पर आती-जाती रहती है।

बहुत "करीब" रह कर भी "पहचान" नहीं पाते,
"भावना" दिल मे औऱ बाहर कुछ औऱ रहती है।

#मिज़ाज आज #मिज़ाज "मौसम"का बदल गया ऐसे,
जैसे"इंसान"की #फ़ितरत बदलती रहती है।

एक "चेहरे" के साथ रहते नही लोग यहाँ,
मुस्कान #मुखोटों पर आती-जाती रहती है।

बहुत "करीब" रह कर भी "पहचान" नहीं पाते,
"भावना" दिल मे औऱ बाहर कुछ औऱ रहती है।
jitendra7777570

#Jitendra777

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