आसमानों मे रहते हैं तारों की तरह हम अल्फाज़ उठा लाते हैं चाँद के सिरहाने से हम सुख़नवर हैं सच कहने की आदत है हम कभी नहीं डरते तअल्लुक टूट जाने से ~हादी आसमानों मे रहते हैं तारों की तरह हम अल्फाज़ उठा लाते हैं चाँद के सिरहाने से हम सुख़नवर हैं सच कहने की आदत है हम कभी नहीं डरते तअल्लुक टूट जाने से ~हादी