रूहानी चांदनी में डूबी, इश्क़ की उम्मीद हैं सब्र का इनाम हैं, ये चाँद का जो दीद हैं पैगाम मोहब्बत का हैं, इंसानियत के वास्ते प्यार हैं सभी के लिये, और सबकी ईद हैं सूफियों की साधना, फकीरों की दुआ का दम एक ख़ुदा में एक सब, न पीर न मुरीद हैं ज़िंदा हैं तहज़ीब अपनी, गंगा जमुना धार सी ख़्वाजा ईसा राम सबके, और सबकी ईद हैं #Happy Eid