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पलकें पलकें... कितनी वफादार हो अपनी आँखों की वफ़ा

पलकें
पलकें... 
कितनी वफादार हो
अपनी आँखों की
वफ़ा तुमसे ही
परिभाषित होती है ! 
तुम्हारी झूकना
तुम्हारी उठना
शब्द हैं  
तुम्हारी आँखों की
जो तुमसे ही बयां होती है ! 
अंगरक्षक हो
तिनकों लडना
बूरा ना देखने देना
आँसूओ को छुपाना
हर आफत में
आँखों के आगे ढाल बन जाना ! 
पलक. काशा! 
तुम्हारे जैसा मेरा भी
तलबदार होता
वफादार होता
कोई यार होता
प्यार होता !

©S K Sachin #पलक #आँख
पलकें
पलकें... 
कितनी वफादार हो
अपनी आँखों की
वफ़ा तुमसे ही
परिभाषित होती है ! 
तुम्हारी झूकना
तुम्हारी उठना
शब्द हैं  
तुम्हारी आँखों की
जो तुमसे ही बयां होती है ! 
अंगरक्षक हो
तिनकों लडना
बूरा ना देखने देना
आँसूओ को छुपाना
हर आफत में
आँखों के आगे ढाल बन जाना ! 
पलक. काशा! 
तुम्हारे जैसा मेरा भी
तलबदार होता
वफादार होता
कोई यार होता
प्यार होता !

©S K Sachin #पलक #आँख