Muskurata hi Nhi जिस शख्श का इंतजार मैं करती हूं वह कभी आता ही नहीं केहना तो बहूत कुछ चाहतीं हूं पर जब वो सामने आता है मूंह से कुछ कंहा जाता ही नही भुलना चाहती हूं उसे पर वह है कि मेरी यादो से जाता ही नहीं हजार बार केहती हूं उसे सोजा सोजा पर वह रातों मे सोता ही नहीं कोशीष तो बहूत करती हू उसे हसानें कि पर वह है कि, मुस्कूराता हीं नहीं मेरी वजह से उसका यह हाल यह जानकर दिल को मेरे चैन आता ही नहीं ©Rj Sembekar Muskurata hi Nhi #rayofhope