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White " जीने की अदा" जो मिला उसे ही अपना नसीब मान

White " जीने की अदा"

जो मिला उसे ही अपना नसीब मान अपनाते रहे.....
जिंदगी मुझे आजमाती रही... हम जिंदगी को आजमाते गये...।
जिसे नाखुदा समझा वेवफा निकला...
वो छल करके जीत गया बाजी...
हम भावनाओं की सह पे मात खाते गये...।
दर्द के झंझावतों में बिखरने न दिया स्वंय....
वो देते गये मुहब्बत के नाम पर ज़ख्म मुझे....
हम अपने ज़ख्मों पर सब्र का मरहम लगाते गये....।
मेरी मायूसियों का राज खुल न जाये महफ़िल में....
इसलिए ख़ुद को ख़ुद से ही छुपाते गये...।
मुहब्बत की रुसवाई मुझे मंजूर न थी....
वो खेलता रहा मेरे दिल से...हम अपने टूटे दिल को अपनी मुस्कुराहटों से सजाते गये....।
सितार का तार नहीं हूँ मैं जो टूट जाऊँगी जरा सी उंगलियों की जुम्बिश से....
तबले जैसी नियति है अपनी.... चोट खाते गये गुनगुनाते गये...।
अपने अश्कों  को स्याही बना मैं रचती गई प्रेम के नगमें...
अपनी पीड़ा से बोझिल हो कर रुके नहीं...
हम दर्दमन्दों को जीने की अदा सिखाते गये...।
वो क्या चुनौती देंगे मुझे....
मखमल पे चलने में भी जिनके पाँव छिले जाते हैं...
हम तो वैदेही  हैं वनों के शूल/कंटकों से ही नहीं अग्नि में चल कर भी अपना मार्ग बनाते गये....।

(स्वरचित:अनामिका अर्श)

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  #emotional_sad_shayari