शायद मैं अपने लहजे में नरमी रखना सीख गया हूं कल लोगों की छोटी-छोटी बातों पर बहक जाया करता था आज शांत रहकर उन बातों को पन्नों पर पिरोया करता हूं अब लगता है उन बेफिजूल से रिश्तो के खातिर समय बहुत गवाया है ये बात समझ में आई अब इसलिए समय अब मेरा आया है देख तो चुका था उनको पहले अब उन बातों को समझता हूं उनके चेहरे के दिखावे को पन्नों पर उतारा करता हूं प्यार शायद अभी भी बहोत इसीलिये तो लिखते लिखते बीच में रुक जाया करता हूं पर अब उनके खेलो को उन्हीं पर आजमाया करता हूं मैं भी बेफिजूल प्यार को सिर्फ उपर से जताया करता हूं शायद मैं अपने लहजे में नरमी रखना सीख गया हूं #Shayad_main #motivatedthoughts @alwaysbeguru-facebook page always_be_guru-insta if #alwaysbeguru🖤