चहकती सुबहें तेरे दीदार का अरमान लिए ढूढ़ती हुई तुझको ही क्लासरूम की भीड़ में वो तेजी से ढलती हुई शाम में तेरे साथ कुछ कदम की दूरी तक चलते रहना और तुम्हारे घने केशुओं को हवा प्यार से झूला झूलाती तुम्हारे होठों को चूमकर एक नवगीत गाती पलकें झुकाकर तुम हौले से शरमाती...कितना कुछ अमर बन गया है पल दो पल के साथ में अब भी बाकी है कुछ अधूरी मुलाकातें कुछ अनकही बातें पूरी मुलाक़ातों की कहानियाँ नहीं बनतीं ये सारी कहानियाँ अधूरेपन की हैं। लिखें क़िस्से अपनी अधूरी मुलाक़ातों के। Collab करें YQ Didi के साथ। #अधूरीमुलाक़ातें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine