“प्यार, इश्क़ या मोहब्बत” अनुशीर्षक में //:👇👇👇👇 — % & कभी अपने दिल को पिंजरे में मत रखना, आज़ाद होकर इसको भावनाओं से उड़ने देना अथाह सागर की तरह दिल में अपने, हमेशा शांत मन से गहरा प्यार रखना जितनी पुरानी ये मोहब्बत होती जाती उतनी ही ख़ास और पास होती जाती ये बेपनाह इश्क़ है जनाब ज़िन्दगी की रहता नहीं ठौर कहीं इसका बस बेहिसाब होती जाती होता गर ये भावनाओं से तो टूटना मुश्किल है