कैसे समझाऊ मैं खुद अनजान हूँ तुझे पा सकू बस ये अंजाम हूँ। हर तरफ प्रश्न ही प्रश्न है। हर उत्तर के लिए परेशान हूँ। ये दुनिया ही काफी है दुख देने को तेरी ख़ुशी का मैं अरमान हूँ समझाऊ कैसे