सरहद पार के हीर रांझा , नाम-ए-सरहद से गमज़दा । उल्फत-ए-इश्क़ , में सराबोर । कभी हीर , अपने मुल्क की सरहद देखें । कभी रांझा , ख़ुद के मुल्क की सरहद ताके । मिटा दो , इस सरहद को । ख़ुदा के लिए , ख़ुदा के बनाए , लोगों के लिए । बनाया इन्सानों ने सिर्फ , सहूलियत के लिए । ©Anuradha Sharma #solider #dedicated #soliderlifeisnoteasy #brave #courage #yqquotes #yqpoetry #yqhindi #together