किसी गहरी झील- सी हैं, तेरी आंखें, काश कि मैं इन,आखों की पानी हो जाऊं! मुझको दुनिया दिखती है, तेरी आँखों में, काश कोई जादू हो और........ तेरी आँखों को भी, मैं प्यारी हो जाऊं! जाने कैसे इनमे इतना डूब चुकी हू मैं, दुआ है तेरी ही आंखों में खो जाऊं; खुद को मैं खिलखिलाती देखूं तेरी आँखों में, और फिर सदा के लिए....... तेरी,बस तेरी हो जाऊं! बहुत ही खास,थोड़ी जादुई हैं तेरी आंखे, शायद शब्दों में बयां भी न कर पाऊं; संभल कर देखना मुझे, कातिल हैं तेरी आंखें, डर है कही, इन आंखों पर फनाह न हो जाऊं! oye pagal