तुमसें बिछड़कर जीना बहुत ही मुश्किल है। तेरी मोहब्बत ही मेरी ज़िंदगी का हासिल है। आ कर देख एक बार हाल मेरे इस दिल का, बिन तेरे यह तो न धड़कने के रहा क़ाबिल है। गए हो छोड़कर हमको बीच रास्ते में जो तन्हा, धुंध छाई हैं चारों ओर गुमशुदा हुई मंज़िल है। तेरी मोहब्बत के सदके में ये सारी उम्र गुजार दूँ, मेरे खुदा की इबादत में एक तू ही तो शामिल है। P.P.018 #PP_शब्दरेखा_तुमसेबिछड़कर ➡️समय सीमा 24 घंटे या निर्दिष्ट के अनुसार। ➡️विषय पर अपने स्वयं के भाव-व्यक्त कीजिये। स्वरचित रचना ही मान्य है।