तन्हा दिल लब्जो से बयां होती नहीं दर्दे दिल की कभी दंस्ता एहसास ये ऐसा हैँ इसको अश्क करते हैँ बयां तन्हाई बन जाती हैँ सजा यादें हर लम्हा सताती हैँ मिलकर भी जो ना मिले वो बना जाती हैँ फिर तन्हा ©Dr Deepak Sharma #तन्हादिल