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आज मुझे, कल तुझे ख़ाक हो जाना है, एक दिन हमें जलकर

आज मुझे, कल तुझे ख़ाक हो जाना है,
एक दिन हमें जलकर राख हो जाना है...1
नियति ने लिख दिया सभी का प्रारब्ध, 
हर बुलंद भवन में सुराख़ हो जाना है....2
कितनी मिली साँसे किसी को नहीं पता,
रूह के जाते, जिस्म नापाक हो जाना है.....3
इतना बड़ा अहं, क्या काम आएगा भला, 
मटकी में जाकर एक छटांक हो जाना है....4

कल तक था अब नहीं रहा जग में ‘Veer’,
इक दिन खबर सुनकर आवाक हो जाना है.....
- डॉ. मधुसूदन चौबे
#Chai_Lover

©VEER NIRVEL आज मुझे, कल तुझे ख़ाक हो जाना है,
एक दिन हमें जलकर राख हो जाना है...1
नियति ने लिख दिया सभी का प्रारब्ध, 
हर बुलंद भवन में सुराख़ हो जाना है....2
कितनी मिली साँसे किसी को नहीं पता,
रूह के जाते, जिस्म नापाक हो जाना है.....3
इतना बड़ा अहं, क्या काम आएगा भला, 
मटकी में जाकर एक छटांक हो जाना है....4
आज मुझे, कल तुझे ख़ाक हो जाना है,
एक दिन हमें जलकर राख हो जाना है...1
नियति ने लिख दिया सभी का प्रारब्ध, 
हर बुलंद भवन में सुराख़ हो जाना है....2
कितनी मिली साँसे किसी को नहीं पता,
रूह के जाते, जिस्म नापाक हो जाना है.....3
इतना बड़ा अहं, क्या काम आएगा भला, 
मटकी में जाकर एक छटांक हो जाना है....4

कल तक था अब नहीं रहा जग में ‘Veer’,
इक दिन खबर सुनकर आवाक हो जाना है.....
- डॉ. मधुसूदन चौबे
#Chai_Lover

©VEER NIRVEL आज मुझे, कल तुझे ख़ाक हो जाना है,
एक दिन हमें जलकर राख हो जाना है...1
नियति ने लिख दिया सभी का प्रारब्ध, 
हर बुलंद भवन में सुराख़ हो जाना है....2
कितनी मिली साँसे किसी को नहीं पता,
रूह के जाते, जिस्म नापाक हो जाना है.....3
इतना बड़ा अहं, क्या काम आएगा भला, 
मटकी में जाकर एक छटांक हो जाना है....4
veernirvel5619

VEER NIRVEL

New Creator

आज मुझे, कल तुझे ख़ाक हो जाना है, एक दिन हमें जलकर राख हो जाना है...1 नियति ने लिख दिया सभी का प्रारब्ध, हर बुलंद भवन में सुराख़ हो जाना है....2 कितनी मिली साँसे किसी को नहीं पता, रूह के जाते, जिस्म नापाक हो जाना है.....3 इतना बड़ा अहं, क्या काम आएगा भला, मटकी में जाकर एक छटांक हो जाना है....4 #Shayari #Chai_Lover