कठिन समय में अक्सर, साया भी साथ छोड़ जाता है। यहाँ तो सब पराये है, हमेशा साथ कौन निभाता है। कभी जो एक तिनके का, सहारा हमने चाहा था। उन्होंने कह दिया हमसे, कि तुम्हें कौन चाहता है। कि जीवन में न हमने, कभी ये जिल्लतें देखी। जो मजबूरी में हर इन्सान, हमें ऐसे डराता है। कभी तो तुम भी तरसोगे, किसी की आश में रहबर। तभी मालूम होगा तुमको, कि कौन अपना पराया है। चले आना मेरे दर पे, कभी जो मेरी जरूरत हो। कि मैं धोखा नहीं देता, ये तेरा दिल भी जानता है। 🎀 Challenge-393 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए।