दिले काफिर का एक मकान बनाया था कैसे बताऊं मेरे अपने इश्क ने किस तरह उसे ढाया था दिल टूटकर भी जुड़ जाता होगा शायद कमबख्त बेज़ार हुआ ऐसा कि खुद को भी ढूंढ नही पाया था मजबूर, विवश मैने खुद से ही अपनी चिता जलाया था जागृति सिन्हा ©Jagriti Sinha काफिर