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दूर हूँ तुमसे तब भी खुश हूं क्योंकि तुम खुश हो बरस

दूर हूँ तुमसे
तब भी खुश हूं
क्योंकि
तुम खुश हो
बरसते हैं नैना
कभी अकेले तन्हा
तब भी खुश हूं
क्योंकि
तुम मेरे बिना खुश हो
ये रात बैरन कटती नहीं है
फिर भी खुश हूं
क्योंकि
तुम चैन से सोते हो
माँग भरती हूँ तो हाथ कांपते है
फिर भी भरती हूँ
क्योंकि
तुम मेरा ख़्वाब हो
करती हूं सोलह श्रंगार
तो ये श्रंगार भी मुझपे हसता है
फिर भी मैं खुश हूं 
क्योंकि
तुम मेरा जीवन हो
मैं तुम्हारी कुछ नहीं
पर तुम मेरे सबकुछ हो ♥️ Challenge-719 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
दूर हूँ तुमसे
तब भी खुश हूं
क्योंकि
तुम खुश हो
बरसते हैं नैना
कभी अकेले तन्हा
तब भी खुश हूं
क्योंकि
तुम मेरे बिना खुश हो
ये रात बैरन कटती नहीं है
फिर भी खुश हूं
क्योंकि
तुम चैन से सोते हो
माँग भरती हूँ तो हाथ कांपते है
फिर भी भरती हूँ
क्योंकि
तुम मेरा ख़्वाब हो
करती हूं सोलह श्रंगार
तो ये श्रंगार भी मुझपे हसता है
फिर भी मैं खुश हूं 
क्योंकि
तुम मेरा जीवन हो
मैं तुम्हारी कुछ नहीं
पर तुम मेरे सबकुछ हो ♥️ Challenge-719 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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