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नित नित सुन मुरली मधुर, राधे दौड़ी आए...! छिप बैठे

नित नित सुन मुरली मधुर,
राधे दौड़ी आए...!
छिप बैठे बिच तरूअन के,
कान्हा खेल रचाए...!

हे नटखट नंदलाल कन्हैया
क्यूं राधे को तरसाए...!
देख व्याकुलता श्री राधे की,
मंद मंद मुस्काए...!! ओ देवकी नंदन कान्हा, क्यू ये खेल रचाए
दो दर्शन इस राधे को, क्यू छिप कर तरसाए..!!

#राधे_कृष्णा #कृष्णार्पण #molika

इमेज सोर्स: गूगल
नित नित सुन मुरली मधुर,
राधे दौड़ी आए...!
छिप बैठे बिच तरूअन के,
कान्हा खेल रचाए...!

हे नटखट नंदलाल कन्हैया
क्यूं राधे को तरसाए...!
देख व्याकुलता श्री राधे की,
मंद मंद मुस्काए...!! ओ देवकी नंदन कान्हा, क्यू ये खेल रचाए
दो दर्शन इस राधे को, क्यू छिप कर तरसाए..!!

#राधे_कृष्णा #कृष्णार्पण #molika

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