बेटी पिता की आँखों में दिखती है कानों में गूँजती है होठों से मुस्कुराती है कंधों पर उछलती है सीने में धड़कती है बाहों में मचलती है पैरों के निशां छोड़ जाती है बेटी दिल की दहलीज़ पर -अजय नेमा #बेटी #कविता#पापा की परी# पापा की लाड़ली