खुली ताजा हवाओं में भोर की पहली किरण के साथ उगता स्वर्णिम दिन खिलते चहरे चहचहाते पंक्षियों के मधुर गान में मुग्ध हुए गाँव के बच्चे, नवयुवक, बुज़ुर्ग,अपनी अपनी तरफ़ बने सुंदर पार्क में फूलों की ख़ुश्बू से महकती फिज़ाओं में दिन की शुरुआत कर रहे थे। मैं भी टहलता हुआ गाँव के एक छोर से दूसरे छोर तक इस रमणीय वातावरण को देख कर हर्षित था। मन ही मन उस ग्राम प्रधान को धन्यवाद दे रहा था। छुट्टी का दिन सबके साथ गुजारने में बड़ा मज़ा आता है तो दो चार मित्र चर्चा करने के लिए बैठ गये। शिक्षा से जुड़े मसले पर चर्चा हुई गाँव के सरकारी स्कूल का शानदार प्रदर्शन रहा। कई मैरिट भी दी मन हर ओर से प्रसन्न था।
चिकित्सा पर बात हुई गाँव के दोनों चिकित्सालय (पशु एवं इंसान) दोनों क्रमोन्नत हुए हैं। व्यापार के क्षेत्र में भी गाँव के हाट बाजार में बढ़ोतरी देखी। धीरे धीरे चर्चा बढ़ती गई बात भोजन पानी पर आकर रास्तों की तरफ़ चल पड़ी। चौड़े और सुंदर रास्ते अतिक्रमण मुक्त गाँव स्ट्रीट लाइट लगे पोल गाँव को विशेष आकर्षण का केंद्र बनाते हैं। तभी किसी ने कहा मुझसे कि विकास देख रहे हो पाठक जी। ये हमारे गाँव के सरपंच की देन है। उन्होंने अपनी सूझबूझ और मेहनत के साथ गाँव को मिशाल के तौर पर राज्यभर में अब्बल दर्जे पर ला दिया है। अभी यहाँ गाँव के लिए "सोलरप्लांट" का उद्घाटन हुआ है औऱ फ्री इंटरनेट के माध्यम से शैक्षिक, अतिआवश्यक, ट्रेन, बस, कुछ न्यूज़ चैनल देखने का उपक्रम भी तैयार करवाया है। जिस गाँव का मुखिया यहाँ के जैसा होगा तो देश को स्वर्ग बनने में देर नहीं लगेगी। कि इतने में ही बाहर से हॉर्न की आवाज़ आई पड़ोसी के फूफ़ा जी की कार कीचड़ में फंस गई। लोग उठाकर बाहर निकाल रहे हैं सरपंच को गाली दे रहे हैं ये सुनकर नींद टूट गई।
😀
#पाठकपुराण की ओर से नमस्कार सुप्रभातम साथियो।