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गीत, संगीत कविता, शे'र, ग़ज़ल कभी बूढे नहीं होत

गीत, संगीत
कविता, शे'र,
 ग़ज़ल  कभी 
बूढे नहीं होते 
बस  सुनने वाले 
बदलते रहते हैं
ये सदाबहार 
रहते   हैं 
शीशम के  पेड़ 
की  तरह

©Deepak Kumar 'Deep'
  #WorldPoetryDay