#OpenPoetry होश में कब आओगे,,तुम्हे क्या? या रात भर यहीं सो जाओगे,,तुम्हे क्या? अगर कोई किस्सा है तो मैं यहीं हूं! यूँ सरेआम इलज़ाम लगाओगे,,तुम्हें क्या? मेरा सब कुछ चला गया बस एक तुझे पाने में! मेरा इश्क़ भी खाक में मिलाओगे,,तुम्हें क्या? मुझे हर एक रोज़ कोसता है तेरा अकेलापन! मुझे कब तक यूँ ख़्वाब दिखाओगे,,तुम्हें क्या? लहू के कतरे कतरे से लिखता हूँ रोज़ तुम्हें! अब इस पर भी पानी बहाओगे,, तुम्हें क्या? #अतिशीघ्र #अतिशीघ्र,#तुम्हें क्या,👍,कमेंट,शेअर