गुण - अवगुण से परे हैं यार मेरे मनचले हैं , थोड़े टेड़े - मेड़े हैं , थोड़े छोटे -मोटे हैं , आधे साले पागल हैं , घर पर ना भागल हैं , बोले आम करते इमली कहते खुद को सयाने हैं, साले थोड़े दीवाने हैं । खोए हैं अब सब अपनी फिकरों में , बनते कम अफसाने हैं । मिलना हो पर चाहे सपना पर प्यार अब भी बना है अपना, कमीनों को जब मिल जाता वक्त खोल लेते हम साथ बोतल ही तब , फिर चलता दौर वो पुराना साले - कुत्ते , जोडू के गुलाम , हसीं - ठिठोली और बकवास चलती रहती सारी रात, पुरानी याद पुरानी बात ,,, वो बीते पल वो फुरसत की रात वो बेफिकरी और वो साथ ©Avaneesh Priyadarshi #Nojoto #Hindi #Dosti #AVANEESH #patnakalam #FriendshipDay