"शब्द गिर गए सम्भले ही नहीं क्योंकि जब समझने की जरूरत थी तब तुमने उन्हें गिरा दिया और अब उसे दोषी बता रहे हो, शायद असल रूप मे हमने कभी अपनाया ही नहीं। " .हिंदी है हम, . . . . . . .