सुरों की मलिका नहीं रहीं, चली गईं सुरलोक। भारत सहित संसार में भी, छाया गहरा शोक।। होश संभाली थीं जबसे वो छेड़ रहीं थीं तान। कोयलकंठ की जादूगरी से, नहीं कोई अनजान।। नहीं हुआ है और न होगा, दीदी लता सा कोई। सुर सिंहासन रहेगा खाली, चिरनिद्रा में सोई।। कर्णप्रिय गायन के कारण, वो हो गईं अमर। फूलों की वर्षा हो उनपर अंजलि भर-भरकर।। ©kavi neetesh #LataMangeshkar #ॐ_शांति #poem #SAD #Shayar #Song #भारत #लतामंगेशकर