आज मैं सुनाती हूं एक बच्चे की कहानी अपनी ज़ुबानी - जिसकी उम्र है छोटी पर, जिम्मेदारियां हर कदम पे होतीं। पिता पीता है शराब, और मां रोती है दिन रात। चाहता है जिंदगी को जीना, पर जिम्मेदारियां ही न खत्म होती।। बहन की करता हर फरमाइश पूरी, कभी कभी वो बर्गर, पिज़्ज़ा ये सब खा कर सोती। खुद खाता वो चटनी और कभी कभी सूखी रोटी।। उसकी सारी आमदनी खानदान की होती, परेशानियों से आंखें उसकी कई रात ना सोती।। चेहरे पे मुस्कान लिए वो फिरता, मन की बात किसी से ना होती रोता है वो दिल ही दिल में, पर आंखें उसकी किसी के सामने नम न होती।। SHIVANGI ASTHANA SA 🖋️🖋️ ©Shivangi Asthana #Nanhekadam