शतरंज की बिसात पर, मोहरे तरह-तरह के.. हर मोहरे की चाल, होती अज़ब गज़ब है.. मार करे कोई सीधे चल के, कोई ढाई चाल चले.. कोई दाएं बाएं मारे, कोई आड़े-तिरछे.. कोई तो हर ओर से मारे, कोई चलता एक ही चाल.. चाल मगर सब चलते अपने, यही तो है शतरंज बिसात.. कौन बड़ा है कौन है छोटा, सीमाएं नही बांधी है, राजा से प्यादा लड़ जाता, खेल बड़ा रोचक है.. एक एक घर बढ़ते बढ़ते, प्यादा राजा बन जाता है.. चाल पर चलते चाल सभी है, यही तो है शतरंज की चाल.. #अजय57 #शतरंज