अमर कविता (अनुशीर्षक में ) #worldpoetryday #yqdidi अमर,अजेय निर्भीक, निर्भय सब कालों में व्याप्त है कोई उसका पर्याय नहीं यह स्वयं पर्याप्त है, शब्द है यह,गाथा है