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मन व्याकुल, हृदय मोर भए अधीर, जैसे विचलित हो बिन स

मन व्याकुल, हृदय मोर भए अधीर,
जैसे विचलित हो बिन स्वास शरीर,
इत राधा उत श्याम विरह में तड़पत
दोनों अँखियाँ  झर झर बरसत नीर! #शुभ जन्माष्टमी
मन व्याकुल, हृदय मोर भए अधीर,
जैसे विचलित हो बिन स्वास शरीर,
इत राधा उत श्याम विरह में तड़पत
दोनों अँखियाँ  झर झर बरसत नीर! #शुभ जन्माष्टमी
shail3492712811542

Shail..

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#शुभ जन्माष्टमी