इश्क के रोग ने तो मुझे बीमार बना दिया..... कभी बनी मैं शबनम.... कभी बनी मैं सबा.... तो कभी मुझे दुरार बना दिया..... दिखा के सपने मुझे चाँद तारो के मेरी मासूमियत से खेल गया..... क़त्ले खून करके मेरा विश्वास का अनगिनत के साथ मेरा हलाला करा गया..... हिन्दू धर्म छोड़ कर मैं नहीं त्यार थी इस्लाम अपनाने को.... वो वेशी दरिंदा बन नोचकर खा गया मेरे जिस्म के हर एक कोने कोने को.... दे के नाम मुझे मेरी इज़्ज़त की मान का.... निकाह कर गया वो बंदा मुझसे मुस्लमान का.... हार कर वो अपने ईमान से.... अपने हिन्दू धर्म से बेईमान हो गई..... माँ बाप की इज़्ज़त तो देख लेती बेटी जो सरेआम नीलाम हो गई.... तेरे किये गए एक फैसले से फिर आज एक हिन्दू बेटी बदनाम हो गई..... ये बात तो थी अभी तक बस घर घर मैं.... जो धीरे धीरे पुरे शहर मे आम हो गई..... देख ले बेटी माँ बाप की घर की सीमा लांघ कर निकले थे जो तेरे कदम..... ले गया था वो तुझे देकर प्यार का भरम..... आज तू उसी के हाथों लव जिहाद का शिकार हो गई..... ✍️ #स्वेता #की #कलम #से ✍️ वैलेंटाइन vs लव जिहाद ©Sweta Saini #sunkissed