कत्ल हुए हजारों उम्मीदों की लाशें हैं.. कफ़न ओढ़ जुबां ख़ामोश हो गई थी मगर सैलाब अश्कों का उमड़ समुन्दर बन गया हो ना विस्वास गर तुम्हें तो चख देख लेना.. यों ही नहीं खारा हुआ है समुन्दर... अश्क समुन्दर में बह गए थे सारे आँखें भी ख़ामोश चीख पथराई थीं.. नमस्कार लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳