कुछ उजाले की चकाचौंध से डरते हैं, कुछ अँधेरे में परछाइयों से डरते हैं, हम भी हैं तनहा अपनी रहबर निहारते, पर जाने क्यूँ आपकी आंखों से डरते हैं। ©Kisan Kanhiya आसिक मिजाज #apart