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गले लग कर जब तुम बोलती थी की कितना सुकून है यहां त

गले लग कर जब तुम बोलती थी की कितना सुकून है यहां तो दिल मेरा भर आता था इक अलग से ही एहसास से,
जी चाहता था तुझे उसी पल में कैद कर लूं और रख लूं तुझे अपने पास जिंदगी भर के लिए,
पर शायद तुझे ही नामंजूर था ये साथ हमारा, थाम लिया तूने हाथ किसी और का और बना लिया दिल में जगह किसी और का,
हां ये सच है कि कुछ न कुछ कमी होती है हर किसी में,
इसीलिए मुझमें भी आज तक तुम्हारी ही कमी है.....!

©duggu
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