एक ही बात ज़माने की किताबों में नहीं जो ग़म-ए-दोस्त में नशा है शराबों में नहीं हुस्न की भीख ना मांगेंगे ना जलवों की कभी हम फ़कीरों से मिलो ख़ुल के हिजाबों में नहीं हर जगह फिरते हैं आवारा ख़यालों की तरह ये अलग बात है हम आपके ख़्वाबों में नहीं ना डुबो सागर-ओ-मीना में ये ग़म ऐ फ़ाकिर ये मकाम इनका दिलों में है शराबों में नहीं © सुदर्शन फ़ाकिर #NojotoQuote Mohd Rafi ne is ghazal ko gaya bhi hai #hindi #nojoto #nojotohindi #urdu #ghazal #poetry #urdupoetry #hindipoetry #poetrylovers #poems #writers #writing #nazm #lyrics #music #singer #bollywood