जीत से प्यार हार के ! बावजूद , जीत से ; प्यार रहे कोशिश ! करने को ; हर शख्स तैयार रहे मिल जाये आसानी से सब;ये मुमकिन नहीं मेहनत करने को , तैयार ; तू यार रहे कवि अजय जयहरि कीर्तिप्रद जीत से प्यार........कीर्तिप्रद