उठा कर टूटे हुए टुकड़े दिल के देखता हूं जब भी सिर्फ तेरा अक्स दिखता है जाकर भी तू यहीं पर रही ठहरा गया है वक्त मेरा भी वही जहां तू रूठकर गई की है कई कोशिशें पर वक्त जरा सा भी सरकता नहीं बबली गुर्जर ©Babli Gurjar टुकड़े Nîkîtã Guptā