दिन हफ्ते रात बीते बातों से तेरे कई बात बीते, बीते बातों से एक बात आई हमे भी एक अजनबी की याद आई। माना की अजनबी थे तब भी और अजनबी ही है आज भी, पर कुछ अपने थे वो आज अजनबी बन गए और कुछ अजनबी थे वो आज अपने बन गये। डर है कहीं मैं फ़िर उस राह में ना चल पडु क्योंकि तुम्हें तो पता ही है अजनबियों से डर सा लगने लगा है, कसूर ये नहीं की तुम आज एक अजनबी हो , कसूर तो इस बात का है की वो भी तो अजनबी ही थीं किसी दिन। ख़ैर छोड़िए इन बातों आइये एक मुलाक़ात करते है, आज नही तो कल साथ में एक चाय पीते हैं। #nojoto #halfwritten #story