Nojoto: Largest Storytelling Platform

इक शांत बूंद सी गिर गई मैं। उड़ना चाह पर बह गई मैं

इक शांत बूंद सी गिर गई मैं।
उड़ना चाह पर बह गई मैं।।
नदी, समन्दर या फिर ताल।
ना जाने किस में भर गई मैं।।
बूंद ही है क्या कर लेगी।
कितनो की प्यास बुझाएगी।।
जिसे आसमान ने छोड़ दिया।
उसे धरती क्यों अपनाएगी।।
इतने सपने इतने अरमान।
लिए दिल में मैं सुख गई।।
सोचा था जी भर जी लूंगी।
जीना चाहा पर मर गई मैं।।

💔

©BebySai   shayari in hindi
इक शांत बूंद सी गिर गई मैं।
उड़ना चाह पर बह गई मैं।।
नदी, समन्दर या फिर ताल।
ना जाने किस में भर गई मैं।।
बूंद ही है क्या कर लेगी।
कितनो की प्यास बुझाएगी।।
जिसे आसमान ने छोड़ दिया।
उसे धरती क्यों अपनाएगी।।
इतने सपने इतने अरमान।
लिए दिल में मैं सुख गई।।
सोचा था जी भर जी लूंगी।
जीना चाहा पर मर गई मैं।।

💔

©BebySai   shayari in hindi
akhushisunnykuma4274

BebySai

New Creator