White सवेरा सो गया है मूंदकर के नैन कजरारे दुपहरी कान दुबकाए हुए है ठंड के मारे न जाने क्यों रजाई से नहीं निकला अभी सूरज किसी को हो अगर मालूम तो कारण बता देना कहीं पर खो गई है धूप जाने किस जगह होगी किसी से भेंट हो जाए मुझे उसका पता देना बता देना उसी की राह तकते हैं नयन तारे हवा करने लगी मनमानियां रोके नहीं रुकती बड़ी बेदर्द है कोमल जगह पर चोट करती है किसी ने दे दिया है बादलों को प्यार में धोखा पुरानी चोट है जो आज रह रह कर उभरती है तभी कल शाम से ही रो रहे हैं हाय बेचारे चला आया लगा कर कोहरा फिर से वही चश्मा कि जिसमें देखने से कुछ दिखाई ही नहीं देता बहुत निष्ठुर हुआ है सांवरा भरतार राधे का मगन है बांसुरी में बस किसी की सुध नहीं लेता सहारा अब कहां ढूंढ़े कि जाएं कौन से द्वारे ©RJ VAIRAGYA #good_night #rjharshsharma #rjvairagyasharma