White 1 से ५ जिये तो खेलते बिता ६ से ११ बचपन बी खींचा बीट गई किताबें समझदारी हुए जब १२ से २० यारी हुए जब २१ से २५ जवानी भी रूठी २६ से ३० तक घर वाली भी क़िस्मत में टूटी इसी में बच्चे उसमे हम भी कच्चे जीवन में परिवार बना ३१ से ४५ तक के जीवन को हर सारांश मिला मिली सीख मिली कठिनाई मिला हर चासमे को पहनना ४६ से ६० तक के नाम में बेटा बना बाप और बाप बिना अब दददा ६०+ में वृद्धा पेंशन और गोड़ में दोनों नाती पोता का अड्डा जीवन में जिसने सब देखा वही है उम्र से उम्र का सच्चा १+२+३+४++++ हो गई उम्र इसी में बच्चा। ©ek anjaan lekhak #Moon #ekanjanlekhak #Poet #DailyMessage #Life