मोहब्बत का एहसास तुम्हें है भरपूर, पर इसमें तुम्हारा ही कसूर, बिन बताए, गुजार दिए कई लम्हे, निभा दिए कई दस्तूर, जुबां पर ला ना सके दिल की बातें, तन्हा काट दी कई रातें, ख्यालों के समंदर में बेक़रारी के मंजर में इकरार ए मोहब्बत के गुरुर में तेरी याद तेरे ख्वाब बस तेरा ही ख्याल,, अब तो मुझे याद नहीं दिन महिना साल, देखूं जहाँ मैं वहां तेरी तस्वीर है तेरी मोहब्बत सनम मेरी तकदीर है,, नाम-ए-वफ़ा अपनी सुबह शाम लिख दूं,, आ जा, ज़िन्दगी मैं, तेरे नाम लिख दूं,,