"इस ईद चलो कुछ ऐसा काम कर लें, बेदाग हम अपनी आवाम कर लें...।। इल्ज़ामात तमाम जो हम पे, लगे हैं ज़माने से, उन इल्ज़ामों को अब हम नाकाम कर लें...।। जश्न के नाम जो कुर्बाँ बेज़ुबान होते हैं, उन मासूमों के दर्द पर लगाम कर लें...।। जश्न होता है मोहब्बत का ,फ़ज़ीहत का नहीं, क्यों फिर किसी की चीखों का कोहराम कर लें...।। जेहाद के नाम जो भाइयों का खून बहाते हैं, ताउम्र अब खत्म कत्ले-आम कर लें...।। मंदिर-मज्जिद तोड़ने- बनाने को, क्यों अपने ही घर नीलाम कर लें...।। इंतहा हुई अब शिकवों-गिलों की, इस ईद हम सुलह-ए-पैगाम कर लें...।। तुम हमारे जश्न मनाओ,हम तुम्हारे मनाएं, क्यों ना एक हम अल्लाह राम कर लें...।। प्रिय परिवारजनों को ईद उल अज़हा मुबारक हो। यह ईद हम सभी के जीवन में प्रेम, शान्ति, समृद्धि व सौहार्द लेकर आये। सुंदर संदेश लिख कर अपने क़रीबियों को ईद की मुबारकबाद भेजें। #ईदमुबारक #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine