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नजाने क्यों? पर मैं ख़ुद से ही खफा हूं, मंजिलों को

नजाने क्यों? पर मैं ख़ुद से ही खफा हूं,
मंजिलों को ढूंढते-ढूंढते अब मैं घुमशुदा हूं,
मेरे आंसू भी बाफ़ बन कर उड़ जाते हैैं,
मेरी मुस्कान के पीछे मेरे सारे दर्द छुप जाते हैं,
दुनिया की भीड़ में अब मैं तन्हा हूं,
नजाने क्यों? पर मैं खुद से ही खफा हूं.....

  -Aeman #NajaaneKyu??
नजाने क्यों? पर मैं ख़ुद से ही खफा हूं,
मंजिलों को ढूंढते-ढूंढते अब मैं घुमशुदा हूं,
मेरे आंसू भी बाफ़ बन कर उड़ जाते हैैं,
मेरी मुस्कान के पीछे मेरे सारे दर्द छुप जाते हैं,
दुनिया की भीड़ में अब मैं तन्हा हूं,
नजाने क्यों? पर मैं खुद से ही खफा हूं.....

  -Aeman #NajaaneKyu??