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गुरुवार: गुरुवार सप्ताह का पाँचवा दिन है-इसे बृहस्

गुरुवार:
गुरुवार सप्ताह का पाँचवा दिन है-इसे बृहस्पतिवार या वीरवार भी कहा जाता है-मुसलमान इसे जुमेरात कहते हैं क्योंकि यह जुम्मा (शुक्रवार) से एक दिन पहले आता है...,

   "धार्मिक मान्यताओं के अनुसार"-

भाग्य जागृत करने और लंबी आयु के लिए गुरुवार का व्रत करना चाहिए...

ये कार्य न करें :
इस दिन शेविंग न बनाएं और शरीर का कोई भी बाल न काटें अन्यथा संतान सुख में बाधा उत्पन्न होगी ... 

दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य में यात्रा करना वर्जित है... 

गुरुवार को ऊपर से नमक डालकर नहीं खाना चाहिए ... 

इस दिन दूध और केला खाना भी वर्जित माना गया है...केले के वृक्ष में देवगुरु बृहस्पति का वास होता है. मान्यता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु निवास करते हैं. इसलिए गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है.

पोछा न लगाएं: मान्यता है कि गुरुवार के दिन घर में पोछा नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि इस दिन पोछा लगाने से घर का ईशान कोण कमजोर होता है और ईशान कोण को संबंध घर के छोटे सदस्यों से है. वास्तु के अनुसार घर की उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण का कारक ग्रह गुरु है-घर की इस दिशा में पोंछा लगाने से गुरु ग्रह अशुभ होता है-व्यक्ति को भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है...

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 442 से 453 नाम

442 क्षमः समस्त कार्यों में समर्थ
443 क्षामः जो समस्त विकारों के क्षीण हो जाने पर आत्मभाव से स्थित रहते हैं
444 समीहनः सृष्टि आदि के लिए सम्यक चेष्टा करते हैं
445 यज्ञः सर्वयज्ञस्वरूप
446 इज्यः जो पूज्य हैं
447 महेज्यः मोक्षरूप फल देने वाले सबसे अधिक पूजनीय
448 क्रतुः तद्रूप
449 सत्रम् जो विधिरूप धर्म को प्राप्त करता है
450 सतां-गतिः जिनके अलावा कोई और गति नहीं है
451 सर्वदर्शी जो प्राणियों के सम्पूर्ण कर्मों को देखते हैं
452 विमुक्तात्मा स्वभाव से ही जिनकी आत्मा मुक्त है
453 सर्वज्ञः जो सर्व है और ज्ञानरूप है

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' गुरुवार:
गुरुवार सप्ताह का पाँचवा दिन है-इसे बृहस्पतिवार या वीरवार भी कहा जाता है-मुसलमान इसे जुमेरात कहते हैं क्योंकि यह जुम्मा (शुक्रवार) से एक दिन पहले आता है...,

   "धार्मिक मान्यताओं के अनुसार"-

भाग्य जागृत करने और लंबी आयु के लिए गुरुवार का व्रत करना चाहिए...

ये कार्य न करें :
गुरुवार:
गुरुवार सप्ताह का पाँचवा दिन है-इसे बृहस्पतिवार या वीरवार भी कहा जाता है-मुसलमान इसे जुमेरात कहते हैं क्योंकि यह जुम्मा (शुक्रवार) से एक दिन पहले आता है...,

   "धार्मिक मान्यताओं के अनुसार"-

भाग्य जागृत करने और लंबी आयु के लिए गुरुवार का व्रत करना चाहिए...

ये कार्य न करें :
इस दिन शेविंग न बनाएं और शरीर का कोई भी बाल न काटें अन्यथा संतान सुख में बाधा उत्पन्न होगी ... 

दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य में यात्रा करना वर्जित है... 

गुरुवार को ऊपर से नमक डालकर नहीं खाना चाहिए ... 

इस दिन दूध और केला खाना भी वर्जित माना गया है...केले के वृक्ष में देवगुरु बृहस्पति का वास होता है. मान्यता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु निवास करते हैं. इसलिए गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है.

पोछा न लगाएं: मान्यता है कि गुरुवार के दिन घर में पोछा नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि इस दिन पोछा लगाने से घर का ईशान कोण कमजोर होता है और ईशान कोण को संबंध घर के छोटे सदस्यों से है. वास्तु के अनुसार घर की उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण का कारक ग्रह गुरु है-घर की इस दिशा में पोंछा लगाने से गुरु ग्रह अशुभ होता है-व्यक्ति को भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है...

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 442 से 453 नाम

442 क्षमः समस्त कार्यों में समर्थ
443 क्षामः जो समस्त विकारों के क्षीण हो जाने पर आत्मभाव से स्थित रहते हैं
444 समीहनः सृष्टि आदि के लिए सम्यक चेष्टा करते हैं
445 यज्ञः सर्वयज्ञस्वरूप
446 इज्यः जो पूज्य हैं
447 महेज्यः मोक्षरूप फल देने वाले सबसे अधिक पूजनीय
448 क्रतुः तद्रूप
449 सत्रम् जो विधिरूप धर्म को प्राप्त करता है
450 सतां-गतिः जिनके अलावा कोई और गति नहीं है
451 सर्वदर्शी जो प्राणियों के सम्पूर्ण कर्मों को देखते हैं
452 विमुक्तात्मा स्वभाव से ही जिनकी आत्मा मुक्त है
453 सर्वज्ञः जो सर्व है और ज्ञानरूप है

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' गुरुवार:
गुरुवार सप्ताह का पाँचवा दिन है-इसे बृहस्पतिवार या वीरवार भी कहा जाता है-मुसलमान इसे जुमेरात कहते हैं क्योंकि यह जुम्मा (शुक्रवार) से एक दिन पहले आता है...,

   "धार्मिक मान्यताओं के अनुसार"-

भाग्य जागृत करने और लंबी आयु के लिए गुरुवार का व्रत करना चाहिए...

ये कार्य न करें :