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संस्कार देखता हूं मैं अक्सर गरीबों के घर में।।

संस्कार देखता हूं
   मैं अक्सर गरीबों के घर में।।

दुप्पटा फटा होता है
लेकिन सर ढका होता है ।।

©Yogendra kashyap
  izzat

izzat #Quotes

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