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अजीब तरह से गुज़र रही मेरी भी ज़िन्दगी! सोचा कुछ,

अजीब तरह से गुज़र रही मेरी भी ज़िन्दगी!

सोचा कुछ,हुआ कुछ,मिला कुछ!!

©Subhi Singh"ASHQ"  'दर्द भरी शायरी'
अजीब तरह से गुज़र रही मेरी भी ज़िन्दगी!

सोचा कुछ,हुआ कुछ,मिला कुछ!!

©Subhi Singh"ASHQ"  'दर्द भरी शायरी'